बस दिल की कुछ बातें करनी हैं आप सब से, कुछ कहना भी है, कुछ सुनना भी है | थोड़ी सुगबुगाहट आपके दिल में भी उठे, तो ज़रूर बताना | By same Blogger: http://anujsgreysanatomy.blogspot.in/ and http://whatanujfeels.blogspot.in/
Sunday 24 March 2013
Saturday 23 March 2013
जब हम मिले थे |
हम मिले थे, तुमसे मिले थे,
तुम मिले थे, हमसे मिले थे |
जीवन की एक मोड़ मिले थे,
हर कदम कदम जब साथ चले थे,
हाथों में लेकर हाथ चले थे |
जब हम मिले थे, तुमसे मिले थे,
तुम मिले थे, हमसे मिले थे |
खिली धूप, गुल बाग़ खिले थे,
चली हवा, फिर पंख लगे थे |
भीगा मौसम, भीगे हम भी,
ओढ़े बदरा, बरसात चले थे |
जब हम मिले थे, तुमसे मिले थे,
Photo Credits: Dhaval Thakkar |
तुम मिले थे, हमसे मिले थे |
मन में मन भर यादों के मेले,
मन ही मन में कच्ची मिटटी सा
बचपन खेले |
कोई एक नहीं, कोई दो नहीं,
फिर बातों के जो सिलसिले थे |
जब हम मिले थे, तुमसे मिले थे,
तुम मिले थे, हमसे मिले थे |
फरक मंजिलें, फरक रास्ते,
फिर मिले थे हम तुम किस वास्ते
?
शायद, मिलना ही थी हमारी मंजिल,
मिलने ही थे हमारे रास्ते |
यादें याद आतीं, आहिस्ते-आहिस्ते |
जब हम मिले थे, तुमसे मिले थे,
तुम मिले थे, हमसे मिले थे |
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